विश्व पुस्तक दिवस पर निशुल्क पुस्तकालय की स्थापना
Peeyoosh Mayank
उन्नाव,गांव के भोले भाले लोग जब किसी की तारीफ करते हैं तब आप समझ लीजिए कि कहानी सच्ची है, आज के दौर में जब सरकारी स्कूलों पर आरोप लगाया जाता है कि वहां पर टीचर समय पर नहीं पहुंचती हैं और सरकारी विद्यालयों में बच्चों की शिक्षा पर ज़ोर नहीं दिया जाता है टीचर समय से पहले स्कूल छोड़कर रजिस्टर पर झूठे साइन बना कर चली जाती हैं और तो और बच्चों से वहां पर काम कराया जाता है झाड़ू लगवाई जाती है टीचरें दिन भर स्वेटर बुनते हुए मूंगफली खाती हैं और गांव वालों से साप्ताहिक बाजार में झोला भरकर सब्जियां खरीद कर वापस अपने घरों में लौट जाती हैं तब आपको जाकर देखना होगा उन्नाव के सोहरामऊ में एक ऐसा प्राथमिक विद्यालय जहां की शिक्षिका स्नेहिल पांडे को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से नवाज़ा है तो उसकी सच्चाई क्या है मीडिया बॉक्स की पड़ताल में आज सारा आंखों देखा हाल तब सामने आया जब गांव की एक अनपढ़ कौशल्या ने इस संवाददाता से यह कहा कि हमार स्नेहिल मैडम जैसी कोई नहीं तब हमको अपनी शिक्षा प्रणाली और ऐसे कर्मठ शिक्षकों पर गर्व होना चाहिए जो लगातार कई सालों से अपने वेतन से बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए निशुल्क विद्यालय आने के लिए साइकिले बांटती हो जो बच्चों को पढ़ाई के साथ साथ जीना सिखाती हो जो स्वच्छता अभियान के बारे में बताती हो किशोरावस्था में लड़कियों के हेल्थ चेक अप और मुफ्त गांव की महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन बांटती हो और उनके स्वास्थ्य का देखभाल करना बताती हो तो हमें यह कहना ही पड़ेगा कि वह टीचर नहीं बल्कि असल में समाजसेवी है ऐसी ही स्नेहिल पांडे जैसी शिक्षक अगर पूरे देश में हो जाए तो उन्नाव के सोहरामऊ के इस विद्यालय की शाखाएं निजी स्कूलों की तरह ब्रांड बनाकर फ्रेंचाइजी के तौर पर समूचे देश में फैल जानी चाहिए जिससे न सिर्फ शिक्षा का उजियारा होगा बल्कि देशभर में इमानदारी की लौ जगमगा उठेगी,
विश्व पुस्तक दिवस के अवसर पर बेसिक शिक्षा अधिकारी संजय तिवारी की उपस्थिति में राष्ट्रपति पदक विजेता डॉक्टर स्नेहिल पांडे के मार्गदर्शन में साहवेश संस्था के प्रमुख धर्मेंद्र सिंह के द्वारा इस विद्यालय में निशुल्क रूप से 600 पुस्तकें दान करके आज एक पुस्तकालय की स्थापना की गई है जिसकी प्रशंसा विद्यालय की मुख्य अध्यापिका सुष्षमा कनौजिया करते हुए नहीं थक रही हैं, इस पूरे आयोजन के प्रेरणा स्रोत सारस्वत पैथोलॉजी के डॉक्टर प्रवीण सारस्वत ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी बच्चों से कहा कि पुस्तकें बच्चों के भविष्य की प्रेरणा होती हैं आज उन्हें मोबाइल से ज्यादा पुस्तकों में मिलने वाली शिक्षा की ओर ध्यान देना है।
कार्यक्रम में शामिल हुए सोहरामऊ के थानाध्यक्ष अखिलेश तिवारी ने कहा कि जिस तरह बच्चों से महात्मा गांधी और चाचा नेहरू प्यार करते थे आज वही भावना यहां की शिक्षिका डॉक्टर स्नेहिल पांडे में देखने को मिल रही है, कार्यक्रम में उपस्थित अपराजिता संस्था की मैडम सीमा जैन ने बच्चों से कहा कि कभी-कभी बच्चों को शिक्षकों की बातें शायद थोड़ी कड़वी जरूर लगती हैं लेकिन आगे चलकर जब वह समझदार होते हैं तब उन्हें पता चलता है कि बचपन में हमें जिन शिक्षकों ने मार्गदर्शन दिया है वही बातें जीवन भर उनके काम आती है।
कुलवंती हॉस्पिटल के डॉक्टर आर सी तिवारी समेत कार्यक्रम में आए हुए कई वरिष्ठ लोगों ने विद्यालय प्रांगण में वृक्षारोपण करके बच्चों को पर्यावरण का पाठ सिखाया साथ ही समाजसेवी हर्षित की भूमिका की सभी ने उन्मुक्त कंठ से सराहना करते हुए कार्यक्रम को सफल बनाया कार्यक्रम के संचालक वरिष्ठ पत्रकार मनीष सिंगर ने अपने धन्यवाद ज्ञापन में सारस्वत पैथोलॉजी कानपुर के डॉक्टर प्रवीण सारस्वत के पिता तुल्य योगदान की सराहना करते हुए सदैव आशीर्वाद की आकांक्षा प्रकट की। विद्यालय के इस कार्यक्रम में आज जागरूकता के कई कार्यक्रमों को समेटते हुए गांव वालों और बच्चों की मुफ्त चिकित्सीय जांच की गई उनके रक्त के नमूने लिए गए और साथ ही किशोरियों और महिलाओं को निशुल्क सेनेटरी नैपकिन बांटकर सामाजिक जागरुकता का प्रसार डॉक्टर स्नेहिल पांडे ने करके सभी को जागरूक करने का मंत्र दिया।