यूसीसी:उत्तराखंड में अक्टूबर से सभी पर लागू ,पोर्टल का काम 90% हुआ पूरा
यूसीसी पर बनाए जाने वाले पोर्टल का काम 90% पूरा

यूसीसी:उत्तराखंड में अक्टूबर से सभी पर लागू ,पोर्टल का काम 90% हुआ पूरा

यूसीसी:यूसीसी पर बनाए जाने वाले पोर्टल का काम 90% पूरा हो गया है जिसको देखते हुए कहा जा रहा है किअक्तूबर से उत्तराखंड में कानून की नजर में सभी नागरिक समान होंगे।धामी सरकार जल्द ही नियम लागूू करने की तारीख का एलान कर सकती है।

राज्य में अक्तूबर से कानून की नजर में सभी एक समान होंगे। प्रदेश में अलग-अलग धर्मों के पर्सनल लॉ समाप्त हो जाएंगे जैसा कि सभी को मालूम है मुख्य तौर पर शादी, तलाक, लिव इन रिलेशनशिप और वसीयत के नियम सभी नागरिकों के लिए एक जैसे होंगे। यूसीसी कानून के लाभ जिस पोर्टल के जरिए आम लोगों को मिलेंगे, उस पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाने का तकनीकी काम 90 प्रतिशत लगभग पूरा हो चुका है।

लोगों को आसानी से इस कानून का लाभ मिल सके इसके लिए पोर्टल का एप भी विकसित किया जा रहा है। यूसीसी की नियमावली बना रही समिति आगामी अक्तूबर तक नियमों को लागू करने की तैयारी में है। नियमावली बनाने का काम पूर्व मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में गठित नौ सदस्यीय समिति कर रही है। इस समिति को यह जिम्मा इसी साल फरवरी में दिया गया था।

यूसीसी:धामी सरकार जल्द करेगी तारीख का एलान

राज्य की धामी सरकार ने यूसीसी की नियमावली लागू करने के लिए अभी तक कोई तारीख निर्धारित नहीं की थी, केवल नियमों को जल्द लागू करने का दावा किया गया था लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण काम रुक गया था। गठित समिति के अनुसार, यूसीसी सीधे सीधे आम लोगों से जुड़ा हुआ कानून है, जिसे पूरी तैयारी के साथ ही लागू किया जाए ऐसा सरकार का मानना है, इसकी नियमावली तैयार करने का काम लगभग 60 फीसदी पूरा हो चुका है, लेकिन उससे ज्यादा महत्वपूर्ण है यू कि यूसीसी लागू करने वाले पोर्टल को यूजर फ्रेंडली बनाना, जिस पर इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी डेवलेपमेंट एजेंसी (आईटीडीए) का काम लगभग 90 प्रतिशत पूरा किया जा चुका है।

अब विवाह, तलाक और लिव इन रजिस्ट्रेशन होगा आसान

यूसीसी एक्ट के अन्तर्गत विवाह, तलाक और लिव इन में रहने वालों के लिए पंजीकरण अनिवार्य है, इसलिए पोर्टल पर तीनों के पंजीकरण की प्रक्रिया को यूजर फ्रेंडली बनाया जा रहा है। इतना सरल सिस्टम बनाने की कोशिश है कि इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले स्वयं अपनी शादी, तलाक या लिव इन रिलेशन का पंजीकरण करवा सकेंगे। इसके साथ ही जो लोग इंटरनेट के जानकार नही हैं, वो स्थापित किए गए कॉमन सर्विस सेंटर से विवाह, तलाक और लिव इन के रजिस्ट्रेशन की सुविधा आसानी से ले सकते हैं।