कृषिअधिकारियों के आगे यूपी सरकार बौनी

विशाल रमेश

भारत एक कृषि प्रधान देश है जिसकी नीव कृषि पर आधारित है देश के प्रधानमंत्री और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगातार किसानों के हित में काम कर रही है लगातार प्रयास कर रही है कि किसानों की आय को दोगुना कैसे किया जाए किसानों के उत्थान के लिए लगातार नई-नई योजनाओं से उन्हें लाभान्वित करने के प्रयास में जुटी हुई है वहीं उत्तर प्रदेश के कृषि विभाग के कुछ अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण इसका लाभ किसानों तक नहीं पहुंच रहा है यह जानकारी भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक )के उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल प्रभारी कुंवर उदेन्दु प्रताप उर्फ आशु चौधरी द्वारा हमारे प्रतिनिधि से बात करते हुए दी ,वही उन्होंने बताया कि सरकार लगातार किसानों की आय दोगुनी करने के उद्देश्य से काम कर रही है किंतु कृषि विभाग के अधिकारियों के भ्रष्टाचार के कारण सरकारी योजनाओं मे,आवंटित धनराशि को किसानों तक न पहुंचाकर अधिकारी अपनी जेब में रख रहे हैं जिससे किसानों का काफी नुकसान हो रहा है दूसरी ओर सरकारी योजनाओं का इमानदारी से क्रियान्वयन ना होने के कारण सरकार की छवि धूमिल हो रही है ,

यूनियन के द्वारा यूपी के सीएम को लिखा गया पत्र

कृषि विभाग के उच्च अधिकारियों ने सरकार की नाक के नीचे वित्तीय वर्ष 2021 और 22 में लगभग 120 करोड़ से ज्यादा की अनुदान की धनराशि क्या भ्रष्टाचार किया है जिसका उनके पास किसी तरह का कोई हिसाब नहीं है आशु चौधरी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-22 में उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी पोर्टल में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा वित्त पोषित विभिन्न योजनाओं में लगभग 545 करोड़ रुपए का धनराशि प्रदर्शित हो रहा है लेकिन कृषि विभाग द्वारा आधिकारिक पोर्टल पर पारदर्शी किसान सेवा पोर्टल पर उक्त धनराशि मात्र 423 करोड ही प्रदर्शित हो रहा है जिसके मिलान करने पर लगभग 120 करोड़ से ज्यादा की धनराशि का अंतर दिख रहा है जिसका विभाग के पास कोई हिसाब नहीं है जबकि शासन द्वारा जारी शासनादेश के अनुसार किसानों को उनके हितों में अनुदान की दी गई धनराशि सीधे डीबिटी के माध्यम से उनके खाते में सीधे जानी चाहिए जिसका अधिकारियों द्वारा पालन नहीं किया गया किसान नेता का आरोप है कि इस भ्रष्टाचार में नीचे से लेकर उच्च अधिकारी तक शामिल है जिसकी जानकारी उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से अवगत कराते हुए विभाग मे भरष्टाचार मे लिप्त अधिकारियों की जांच करते हुए किसानों को उनके हक की की धनराशि को उनके खाते मे सीधे भेजने की मांग की