देहरादून, हम सभी को कोरोना काल में आयुर्वेद के बारे में ज्यादा से ज्यादा जानकारी और उपचार की विधि का पता चला। कोरोना काल में भारत में ही नहीं बल्कि विश्व में भी आयुर्वेद की पद्धति का सहारा लेकर पेंडेमिक में हालातों पर काबू पाया गया।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय में उत्तराखण्ड के पीएमएचएस चिकित्सा अधिकारियों के लिए आम जनमानस के इलाज हेतु आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए 06 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। मुख्य सचिव ने आयुर्वेद पद्धति के महत्व पर विषेश बल देते हुए कहा कि प्राचीन समय से ही आयुर्वेद द्वारा चिकित्सा सुविधा दी जा रही है। आज के समय में आयुर्वेद व ऐलोपैथी पद्धति को आपस में तालमेल बनाकर आम जनमानस को चिकित्सकीय इलाज दे कर बेहतर इलाज किया जा सकता है। मुख्य सचिव ने कहा कि योग और आयुर्वेद के अनुरूप जीवन शैली अपनाकर हम अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं। आयुर्वेद स्वस्थ जीवन शैली का आधार है, जो तनावमुक्त जीवन जीने को बढावा देता है। अवसाद को कम करने के लिये आयुर्वेद में मौजूद चिकित्सकीय इलाज को अपनाकर स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। मुख्य सचिव द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम में Practical Training on Ayurveda For PMHS Medical Officers of Uttarakhand To Promote Wellness Concept उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय तथा एच0एन0बी0 उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय द्वारा बनाये गये प्रशिक्षण मॉड्यूल का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार, सचिव आयुष डॉ. पंकज कुमार पाण्डे, कुलपति एच.एन.बी. उत्तराखण्ड चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय प्रो. हेमचन्द पाण्डे, कुलपति उत्तराखण्ड आयुर्वेद विश्वविद्यालय प्रो. सुनील कुमार जोशी, स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. विनीता शाह आदि मौजूद रहे।