राष्ट्रीय नगर कार्य संस्थान (एनआईयूए) और शहरी विकास निदेशालय की ओर से सेप्टेज प्रबंधन पर स्टेट एवेंट ऑन सेनिटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस मौके पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि यह कार्यक्रम सेप्टेज प्रबन्धन के कार्यों को गति देने वाला है। उन्होंने सेप्टेज का निस्तारण करने की दिशा में सराहनीय कार्य करने वाले नगर निकायों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया।
शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सेप्टेज प्रोटोकॉल पर एडवाइजरी और स्टेट इन्वेस्मेंट प्लान का विमोचन भी किया। शहरी विकास मंत्री ने कहा कि राज्य में 103 शहरी स्थानीय निकाय हैं। उन्होंने बताया कि राज्य के लगभग 80 प्रतिशत परिवार आज भी सेप्टिक टैंक/सोक पिट पर ही निर्भर हैं। इसके लिए सेप्टेज प्रबन्धन के लिए सेप्टेज मैनेजमेंट प्रोटोकॉल जारी किया गया है, जो राज्य की समस्त शहरी स्थानीय निकायों में लागू है। नमामी गंगे कार्यक्रम के तहत हरिद्वार, ऋशिकेश, श्रीनगर तथा देवप्रयाग में को-ट्रीटमेंट सुविधा को शुरू कर दिया गया है, इससे ना केवल इन शहरों, बल्कि इनके आस-पास के शहरों के सेप्टेज प्रबन्धन में भी सुविधा होगी। राज्य का पहला फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट रूद्रपुर में निर्माणाधीन है।