दिल्ली में उपद्रव के बाद यूपी में सतर्कता बढ़ाई गई


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  • Peeyush Mayank

हनुमान जयंती के दिन दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगे ने दिल्ली की कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाया है! हालांकि इस घटना के बाद आज दिल्ली में 14 लोगों की गिरफ्तारी की गई है, इसकी गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश शासन ने भी व्यापक पैमाने पर पूरे प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी है ,
इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार के ए डी जी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार कुमार ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दे दिये थे! उनका साफ तौर पर कहना है कि किसी भी कीमत पर कानून व्यवस्था के साथ कोई भी खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, जाहिर सी बात है दिल्ली में पूर्व में हुए एनआरसी और सी ए ए कानून के विरोध में हुए हिंसक आंदोलनों को लोग अभी भूले भी नहीं थे ! कि हनुमान जयंती जयंती पर उपद्रवियों ने दिल्ली की फिजा को दंगे की आग में झोकंने की नापाक कोशिश की है अजान और हनुमान चालीसा के मुद्दे पर प्रत्येक राजनीतिक दलों ने अपनी अपनी प्रतिक्रियाएं कुछ दिन पूर्व से ही देने शुरू कर दी थी इसको देखते हुए दोनों समुदायों मैं तनाव आंशिक रूप से जरूर था लेकिन दिल्ली की घटना ने पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द को पलीता लगाने का प्रयास किया है ।पूर्व में भी अजान को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट गाइडलाइन दे रखी है कितने डिसमिल तक आवाज का प्रयोग किया जा सकता है जिससे ध्वनि प्रदूषण ना होने पाए लेकिन दो धर्मों के बीच राजनीति के चलते पूरे देश में सांप्रदायिक सौहार्द के ढांचे पर चोट पहुंचने की कोशिश की गई है !

दिल्ली की घटना ने एक बार फिर पूरे देश में तनाव की बहस को जन्म दिया है, इसी कड़ी में उत्तर प्रदेश में सतर्कता बढ़ा दी गई है! आने वाले दिनों में सोशल मीडिया पर होने वाले आपत्तिजनक पोस्ट और अफवाह पर भी उत्तर प्रदेश सरकार की पैनी नजर बनी हुई है! इसकी मॉनिटरिंग खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कर रहे हैं !जिनके पास प्रदेश का गृह विभाग भी है !घटना के तुरंत बाद इसकी गंभीरता को देखते हुए जिलो और मंडल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को स्थिति पर सतर्क निगाह रखने के लिए आदेश दिए जा चुके हैं उत्तर प्रदेश के पश्चिमी जिलों जैसे सहारनपुर बागपत मुरादाबाद शामली मैं सतर्क निगाह रखी जा रही है क्यों कि यह जिले सांप्रदायिकता के लिहाज से बहुत ही संवेदनशील जिले हैं !वहीं पूर्वी जिलों में वाराणसी गाजीपुर गोरखपुर आजमगढ और मऊ जिलों में निगरानी और चौकसी बढ़ा दी गई है! उत्तर प्रदेश में दंगाइयों के लिए जो कानून पिछली सरकार ने लागू किया था उसकी वजह से उत्तर प्रदेश में हिंसा करने वालों को एक बार ही नहीं सौ बार सोचना पड़ेगा फिर भी उत्तर प्रदेश की मशीनरी सतर्क और जागरूक है।