हमने ऑस्कर पर लहरा दिया तिरंगा

प्रज्योत जोशी

ऐसा सुना है की नाटो नाटो को डांस की वजह से ऑस्कर मिला है और संगीत की वजह से मिला तो बहुत से कह चुके कि संगीत की जय हो पहले वो कहते थे कि हमारा संगीत कभी भी बेस्ट नहीं था
तु ही रे
या
दिल है छोटा सा

को मिलता क्योंकि हमारे यहाँ संगीत यानि कि ह्रदय हिलोरे मारे और वहाँ जहाँ पैर हिलोरे मारे… वहां पर हमने तिरंगा फहरा दिया। पैर यहाँ भी हिलोरे मारते हैं पर पहली स्टेप दिल से होकर गुज़रती है ।

अब आते हैं डांस पर

हमारे यहाँ डांस यानि भाव अब इस पर कुछ उदाहरण

सचिन ( फिल्म कलाकार ) – डांस छह इंच से होता है छह इंच याने माथे से ठुद्दी तक , यानि भाव “

चलो अब इसे समझते हैं

महमूद साहब ने एक गीत
” हटो काहे को झूठी बनाओ बतिया “
में पान के टपरी पर बैठे बैठे डांस किया है वैसा प्रभाव नाटो नाटो नहीं दे सकता कभी

दूसरा भगवान दादा को अमिताभ बच्चन और गोविंदा फॉलो करते थे और गोविंदा तो डांस के एक्सपर्ट हैं और उनके डांस सिर्फ छह इंच से ही अपना ध्यान हमारी ओर खींचते हैं ।

और अब कभी पंडित बिरजू महाराज को देखना पैर से ताल तबले को श्रुति से श्रुति मिला देते पर पूरा ध्यान उनके चेहरे पर रहता क्योंकि भाव मतलब चेहरे की मांसपेशियों से डांस करवाना

तो बहुत खुशी है कि ऑस्कर मिला लेकिन उन्हे ( पश्चिमी ) न डांस की समझ न संगीत की उनकी समझ पैर पर है ..हमारा ( भारतीय ) ह्रदय पर मन पर..

Photo Credit-Social media

साभार -आओ देखे वर्ल्ड सिनेमा फेसबुक पेज से
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