U.P. में चल रहा है विधान परिषद चुनाव क्या होती है,इसकी चुनावी प्रक्रिया जानिए

*मुख्यमंत्री योगी समेत कई मंत्रियों और विधायकों ने डाले वोट

शिवपाल यादव बने भाजपा के साथी


  • Peeyoosh Mayank
  • लखनऊ, केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने कहा शिवपाल यादव ने बीजेपी को दिया है वोट और उधर शिवपाल भी कह रहे हैं बहुत जल्द कुछ नये नतीजे देखने को मिलेंगे मतलब साफ है चाचा ने भतीजे अखिलेश को दाॅंव देकर बागी होने के संकेत खुलकर दे दिये हैं ।उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद कि खाली 27 सीटों के लिए प्रदेश में मतदान जारी है मतदान के बाद इन सीटों का परिणाम 12 अप्रैल को आएगा, सबसे रोचक मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी और विपक्ष में अहम जिम्मेदारी निभा रही समाजवादी पार्टी के बीच है।
  • विधान परिषद से निर्वाचित सदस्यों का कार्यकाल 6 साल के लिए होता है और विधानसभा में यह सदस्य उच्च सदन के सदस्य माने जाते हैं ,9 विधान परिषद सीटों पर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य पहले ही निर्वाचित हो चुके हैं और यह लड़ाई 27 सीटों के लिए हो रही है, इन सीटों के लिए गांव में निर्वाचित प्रधान ब्लाक प्रमुख क्षेत्र पंचायत सदस्य भी निर्वाचन करते हैं किसी भी गांव के लिए जो धन शासन से आवंटित होता है उसको लेकर भी ग्राम प्रधान वोटिंग प्रक्रिया में बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं क्यों कि ग्राम प्रधानों को यह जताना होता है कि वह सत्तारूढ़ दल के साथ हैं इन चुनावों में सबसे ज्यादा आरोप सत्तारूढ़ दल के ऊपर पर लगता है पूर्व में जब समाजवादी पार्टी सत्तासीन थी तब उसके ज्यादातर सदस्य निर्विरोध निर्वाचित हुए थे या फिर चुनाव के बाद उनकी सीटों में वृद्धि हुई थी अब ऐसा ही आरोप और प्रत्यारोप भारतीय जनता पार्टी के ऊपर भी लगाया जा रहा है। सरकार के लिए सबसे जरूरी यह होता है कि यदि कोई बिल विधानसभा में पारित कराना होता है तो उसके लिए विधान परिषद में भी बहुमत का होना बहुत जरूरी होता है इसलिए कोई भी सत्तारूढ़ दल पूरा जोर इन्हीं सीटों को जीतने के लिए लगा देता है।
  • चुनाव परिणाम आने के बाद सत्तारूढ़ दल पर चाहे वह कोई भी पार्टी रही हो विपक्षी पार्टियां आरोप लगाती ही हैं ऐसी संभावना राजनीति के जानकार लोग पहले से करते आए हैं इस चुनावी रस्साकशी में पलड़ा हमेशा सत्तारूढ़ पार्टी का ही भारी रहता है ऐसा पूर्व की सरकारों में देखने को मिला है। 12 अप्रैल की मतगणना के बाद सत्तारूढ़ दल और विपक्ष के बीच सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग धनबल गुंडागर्दी जैसे तमाम आरोप-प्रत्यारोप देखने को या फिर सुनने को मिल सकते हैं।