हरियाणा के दादरी से एमबीबीएस की पढ़ाई करने यूक्रेन गई नेहा ने घरवालों से इंडिया लौटने को किया इंकार, ऐसे वक्त में कोई भी यह सुनकर ना सिर्फ चौंक जाएगा बल्कि इस वक्त उसका यह फैसला किसी को भी सनक और पागलपन की निशानी लग सकता है, मगर इंसानियत की खातिर अपने जेहन से इमानदारी करने वाली ये सच्ची घटना हम सभी की आंखें नम कर देने वाली है साथ ही नेहा के इस हैरतअंगेज फैसले से हम सबका सिर उसके लिए फक्र से ऊंचा हो जाता है, दरसल जब यूक्रेन में युद्ध छिड़ गया तो नेहा के घर वालों ने एंबेसी से जुगाड़ करके उसको इंडिया लाने का पूरा प्रबंध किया लेकिन नेहा ने यूक्रेन से भारत आने से इसलिए मना कर दिया कि वह जिस मकान में रहती है उसका मकान मालिक युद्ध में अपने देश की खातिर लड़ने गया है और उसके तीन छोटे-छोटे बच्चे उसकी पत्नी के साथ हैं, नेहा का कहना है इस मुश्किल वक्त में वह इस परिवार का ख्याल रखेगी और वह भी उन लोगों को अकेला नहीं छोड़ेगी 17 बरस की नेहा यूक्रेन में मेडिकल की पढ़ाई करने गई है क्योंकि राजधानी कीव रसिया का सबसे पहला टारगेट है और कीव में लगातार बमबारी के धमाकों से चारों तरफ दहशत फैली हुई है ,नेहा इन छोटे-छोटे बच्चों और उस महिला के साथ एक बंकर में ठहरी हुई है।
नेहा का यह जज्बा उसको अपने पिता से मिला है क्योंकि उसके पिता खुद इंडियन आर्मी में थे अब वह इस दुनिया में नहीं है लेकिन नेहा ने यह जोश और जुनून अपनी रगों में अपने पिता से ही पाया है नेहा की माॅं ने एंबेसी से बात करके उसे यूक्रेन से निकालकर रोमानिया पहुंचाने का प्रबंध किया था लेकिन नेहा ने साफ तौर पर मना कर दिया तमाम मान मनव्वल के बाद भी नेहा यूक्रेन छोड़ने को राजी नहीं हुई है ।हम सभी भारत वासियों का mbi news मीडिया बॉक्स इंडिया परिवार की तरफ से नेहा के इस जज्बे को सलाम।