तलवारबाजी में भवानी देवी : 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखण्ड आईं प्रसिद्ध तलवारबाजी यानी फेंसिंग की खिलाड़ी भवानी देवी ने अपनी ख्याति के अनुरूप तलवारबाजी की स्पर्धा में गोल्ड तो जीता ही, अपने विनम्र स्वभाव से लोगों का दिल भी जीत लिया। भवानी ने कहा कि उत्तराखण्ड उन्हें बेहद पसंद आया है। फेंसिंग की इवेंट के लिए किए गए इंतजामों को उन्होंने परफेक्ट बताया।
भवानी देवी ने महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स काॅलेज परिसर में पहले तलवारबाजी का फाइनल अपने नाम किया, फिर मौली संवाद काॅन्क्लेव में पहुंचकर अपनी खेल यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने दृढ़ता और गरिमा से सजी अपनी यात्रा पर विस्तार से बात की। काॅन्क्लेव के बाद उन्होंने राष्ट्रीय खेल, उत्तराखण्ड आगमन और भारत में तलवारबाजी के भविष्य जैसे कई विषयों पर विस्तार से अपना नजरिया रखा।
भवानी ने कहा कि भारत में तलवारबाजी खेल के लिए धीरे-धीरे अनुकूल माहौल तैयार हो रहा है। वर्ष 2020 में टोक्यो ओेलंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाली वह पहली महिला खिलाड़ी बनी थीं। तब से लेकर अब तक काफी बदलाव आ गया है। इस बार के नेशनल गेम्स में तलवारबाजी खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों की संख्या बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि मैंने कभी कोई नेशनल गेम मिस नहीं किया है, क्योंकि मैं इसी गेम से आगे बढ़ी हूं। वैसे, मैं हर स्तर के टूर्नामेंट का सम्मान करती हूं।
भवानी देवी दूसरी बार उत्तराखण्ड आई हैं। इससे पहले, वर्ष 2021 में रूद्रपुर में आयोजित प्रतियोगिता के सिलसिले में उनका उत्तराखण्ड आना हुआ था। अब देहरादून में राष्ट्रीय खेलों का वह हिस्सा बनी हैं। भवानी देवी ने कहा कि राष्ट्रीय खेलों के लिए उत्तराखण्ड ने अच्छी व्यवस्थाएं की हैं। खास तौर पर फेंसिंग इवेंट में सटीक निर्णय के लिए अच्छे इंतजाम किए गए हैं।