KHEL VAN DEHRADUN 38वें राष्ट्रीय खेल में मेडल जीतने वाले सभी खिलाड़ी राजीव गांधी क्रिकेट स्टेडियम के पास फॉरेस्ट की लैंड पर अपने नाम का पौधा लगाएंगे. साथ ही जीओ टैगिंग के जरिए इन पौधों पर नजर भी रखी जाएगी. आज उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने वृक्षारोपण कर इसकी शुरुआत की. बुधवार को देहरादून के महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज के नजदीक मौजूद वन विभाग की जमीन पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वृक्षारोपण कर खेल वन की स्थापना की. इस मौके पर उनके साथ वन मंत्री सुबोध उनियाल, भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पीटी उषा और विशेष प्रमुख खेल सचिव अमित सिंह मौजूद रहे.
KHEL VAN DEHRADUN मेडल जीतने वाले लगाएंगे पेड़
1600 खिलाड़ी अपने नाम का लगाएंगे पेड़: राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम के पास मौजूद वन विभाग की भूमि पर खेल वन की स्थापना की जा रही है. जहां पर 38वें राष्ट्रीय खेलों में मेडल जीतने वाले तकरीबन 1600 खिलाड़ी अपने नाम का पौध रोपड़ करेंगे .
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स्कूलों को दी गई पौधों के रखरखाव की जिम्मेदारी:अमित सिंह विशेष प्रमुख सचिव के अनुसार जिस तरह से 38वें राष्ट्रीय खेलों को ग्रीन गेम और सस्टेनेबल डेवलपमेंट की थीम पर आयोजित किया गया है , उसी तरह में खेल वन की स्थापना भी की जा रही है. अमित सिंह ने बताया कि इन पौधों को मेडल विनर एथलीट की डिटेल्स के साथ जिओ टैगिंग करके वर्ल्ड ट्री ऑर्गेनाइजेशन पर रजिस्टर किया जाएगा. ताकि आजीवन इसकी डिटेल मौजूद रहे. उन्होंने बताया कि जब भी कोई एथलीट यहां आएगा तो वो अपनी आने वाली पीढ़ी को इन पेड़ों के माध्यम से अपनी उपलब्धियां बता पाएगा. वहीं इन पेड़ों का रखरखाव और इनकी सिंचाई और इन्हें जिंदा रखने की जिम्मेदारी नजदीकी द ओसिस स्कूल को सौंपी गयी है .
मुख्यमंत्री धामी ,पीटी उषा ने वृक्षारोपण कर खेल वन की शुरुआत की
KHEL VAN DEHRADUN में पहले वृक्षारोपण कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन की अध्यक्ष पीटी उषा ने खेल वन की शुरुआत की. मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि ये एक अच्छी शुरुआत है जहां पर खेल को पर्यावरण संरक्षण से जोड़ा गया है. सीएम ने कहा कि ये नेचर टूरिज्म को भी बढ़ावा देता है. जहां पर खिलाड़ी आने वाले समय में अपनी यादगार अचीवमेंट को देखने के लिए आएंगे साथ ही अपने परिवार के लोगों को भी लेकर आएंगे. वहीं इन पेड़ों के रखरखाव में निजी स्कूलों की भूमिका पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार की अपनी कुछ सीमाएं होती है और निश्चित तौर से समाज के लोगों को या फिर निजी क्षेत्र के लोगों को इस तरह के पर्यावरण संरक्षण के कामों में आगे आकर अपनी भूमिका निभानी चाहिए.
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