*अरुणा मनवर* ये एक थी टिहरी नहीं..ये है, एक है टिहरी… जो जिंदा है,,,तुम्हारी रग रग में.. पग पग मेंतुम्हारे दिन में,, रात में..इक इक साँस में…. घड़ी की टिक टिक मेंसबके सवालों की झिक झिक में.. पसीने की टपकती हर इक बूंद मेंमन के भावों की एक एक मूँद …
Read More »Tag Archives: हिंदी कविता
तुम कभी आ जाना: सपने में
तुम कभी आ जाना तुम कभी आ जाना सपने मेंतुम्हारा आना अच्छा लगेगा बेशक देती रहना गालियांदेना बद्दुआ.. बार-बार वो तुम्हारा कहना हरामजादाबेइज्जत तो महसूस होता है मगर फिर भी ,तुम कभी आ जाना: वो वक्त अब भी याद हैजब भरोसा इतना कमज़ोर न था जिसेअब तीसरे ने समझा दिया …
Read More »