आईने में खुद को देखकरसोचती रहती हूँ,क्या खोया क्या पायाअक्सर तौलती रहती हूँ। कुछ चेहरे, कुछ बातेंकुछ भूली बिसरी यादें,ढूंढ रही हैं मुझेक्या सही था क्या गलत पूछ रही हैं मुझसे जो पीछे मुड़ के देखा तोकुछ यादें बुला रही थींअब तक के सफर कीबता रही थीं सारी बातें कितनी …
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