A MANVAR हम जब गिरते हैं जिंदगी की राहों में पिता थाम लेता है हमारी बांहें.. हमें संभाल करचलने का हुनर देता हैपिता सहारा हैपिता हमारा आसरा है पिता संस्कार हैजीवन केअनुभवोंकी किताब है Also Read- यार डैडी पिता जीवन का सबसे बड़ा विद्यालयरोजी-रोटी कमाई धमाईहमारे सपनों की ऊंचाई है …
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पिता जीत है, पिता उम्मीद है,
ज़रा याद रखना:जब हम बुजुर्ग हो जाएंगे
ज़रा याद रखना:बुजुर्ग पिताजी जिद कर रहे थे कि, उनकी चारपाई बाहर बरामदे में डाल दी जाये। बेटा परेशान था…बहू बड़बड़ा रही थी….।कोई बुजुर्गों को अलग कमरा नही देता, हमने दूसरी मंजिल पर कमरा दिया…. AC TV FRIDGE सब सुविधाएं हैं, नौकरानी भी दे रखी है। पता नहीं, सत्तर की …
Read More »यार डैडी
चंद्रा मनीष मेरे सिरहाने फिर आकर ..एक कप चाय रख दो थोड़ा प्यार से झुंझला कर..फिर से कहो..उठो पियो..चाय ठंडी हो गयी दिखाई पड़ती हैं अब भी..आटा सानते वक्त तुम्हारी उतार कर रखी गयी अंगूठी ..हर रोज़ मुझे अक्सर तुम मोटी रोटियां.. जली भुनी पकाते थे..हम चिल्लाते थे.. तुम चले …
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