A MANVAR
हम जब गिरते हैं जिंदगी की राहों में पिता थाम लेता है हमारी बांहें..
हमें संभाल कर
चलने का हुनर देता है
पिता सहारा है
पिता हमारा आसरा है
पिता संस्कार है
जीवन के
अनुभवों
की किताब है
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पिता जीवन का सबसे बड़ा विद्यालय
रोजी-रोटी कमाई धमाई
हमारे सपनों की ऊंचाई है
पिता मरहम राहत और दवाई है