C M Higher Education Research Incentive Scheme:डॉ बरखा रौतेला का महत्वपूर्ण शोध प्रस्ताव मंजूर, उत्तराखंड के लिए क्यों जरूरी है यह शोध

Manish Chandra

रानीखेत, मानव जीवन के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकण बेहद जरूरी हो जाता है जब हम तरक्की की इबारतें गढ़ते चले जाते हैं ..लेकिन विकास के पैमाने पर कहीं ना कहीं मानवीय संवेदनाएं भी प्रभावित होती हैं जिससे हमारे प्राकृतिक रिश्तो में असंतुलन पैदा होने लगता है। जितना हमारे जीवन के लिए पेड़ पौधे और पर्यावरण जरूरी है उतना ही सहजीवी संबंध हमारा और जानवरों का भी है यानि कि प्रकृति की किसी एक धारा से छेड़छाड़ का मतलब जीवन के अस्तित्व पर खतरा होना संभव है। प्रकृति की इसी चिताओं के मद्देनजर रानीखेत के राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की अंग्रेजी विभाग की सहायक प्राध्यापिका डॉक्टर बरखा रौतेला ने अपनी संवेदनाओं को जगाते हुए मानवीय जीवन मूल्यों के लिए बेहद महत्वपूर्ण अपना शोध प्रस्ताव मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना के तहत प्रस्तुत किया था जिसे मंजूरी मिल जाने से न सिर्फ शिक्षा जगत में खुशी की लहर है बल्कि माना यह जा रहा है कि इससे सरकार को महत्वपूर्ण सुझाव मिलेंगे।

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डॉक्टर बरखा रौतेला का यह शोध उत्तराखंड के लिए क्यों है ख़ास

उत्तराखंड एक वन्य जीव और पहाड़ी क्षेत्र है जहां पर वन्यजीवों का होना स्वाभाविक है और इसी के साथ निवासियों के बढ़ते जनसंख्या दबाव के कारण आपसी संघर्ष होना आम बात है। हम अक्सर खबरों में जानवरों और जनता के टकराव की खबरें सुनते रहते हैं जिससे आमजन के साथ ही जानवरों के जीवन की भी क्षति होती है इसी समस्या को देखते हुए डॉक्टर बरखा रौतेला ने अपने गहन अध्ययन से सरकार और पर्यावरण की सहायता का रास्ता निकालने की मंशा अपने प्रस्तावित शोध के द्वारा प्रस्तुत की है।
डॉ बरखा का शोध मुख्यतया मशहूर लेखक रस्किन बॉन्ड जिनका कि विशेष लगाव उत्तराखंड की धरती से भी है , इसलिए रस्किन बॉन्ड और जिम कॉर्बेट की कहानियों के माध्यम से जानवरों और इंसानों के बीच के अस्तित्व की कहानियों को रेखांकित करते हुए डॉक्टर बरखा ने इस समस्या का हल निकालने की कोशिश की है जो कि हमें उनके 2 साल के शोध कार्य में जल्द ही देखने को मिलेगा माना जा रहा है कि इस शोध के सुझावों से गुलदार बाग बंदर और सूअर व अन्य जंगली जानवरों से मनुष्यों की जान को होने वाले खतरे से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जा सकेंगे और इसके निष्कर्ष से हमें जानवरों और इंसानों के बीच सह अस्तित्व के जीवन को एक नए दृष्टिकोण से समझने में सुलभता होगी।

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा शोध प्रोत्साहन योजना क्या है

मालूम हो कि उत्तराखंड सरकार उच्च शिक्षा में शोध को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा प्रोत्साहन शोध योजना का क्रियान्वयन कर रही है जिसके अंतर्गत उच्च शिक्षा में शोधकर्ताओं को रिसर्च के लिए आर्थिक अनुदान और प्रत्येक महीने मानदेय प्रदान किया जाता है और इस योजना में शामिल होने के लिए शोधकर्ताओं का चयन सरकार द्वारा चयन प्रतियोगिता के माध्यम से किया जाता है ,जिसमें चयनित होने पर शोधकर्ता को ₹5 लाख से अधिक का आर्थिक अनुदान प्रदान किया जाता है।