जंगल में आग लगाने वाले लोगों की संपत्ति होगी जब्त ,गुंडा एक्ट होगा तामील,सीएम धामी के सख्त आदेश  
जंगल में आग लगाने वाले लोगों पर अब कठोर कार्यवाई   

वनाग्नि:नैनीताल के जंगलों में लगी आग का हवाई सर्वेक्षण मुख्यमंत्री धामी ने किया

वनग्नि:गर्मी के बढ़ते ही उत्तराखंड के जंगलों में आग का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद प्राकृतिक दशाओं के चलते वनों में आज की घटनाओं पर काबू पाना मुश्किल हो रहा है ऐसे में सरकार अपने प्रयासों के साथ ही स्थानीय जनता को वास्तविकता में जागरूक भी कर रही है लेकिन बढ़ते हुए तापमान पर किसी का भी जोर नहीं चल रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को वन प्रशिक्षण अकादमी सभागार में वनाग्नि को रोकने के लिये किये जा रहे प्रयासों की गहनता से समीक्षा की। उन्होंने वनाग्नि को रोकने के लिये अधिकारियों को हर समय सतर्क रहने के निर्देश दिये है। मुख्यमंत्री ने सख्त निर्देश दिये कि जब तक वनों में लगी आग पूरी तरह नियंत्रित नहीं हो जाती है तब तक वनाधिकारियों के अवकाश पर जाने पर रोक लगायी जाय। केवल गम्भीर बीमारी के मामलों में ही छूट दी जाय। मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये है कि वनाधिकारी हर समय वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों में रहकर इसे नियंत्रित करने का प्रयास करें। इस कार्य में लगे अधिकारियों को अनावश्यक रूप से बैठक में प्रतिभाग हेतु देहरादून न बलाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये है।

वनाग्नि,आग पर काबू पाने के लिए अन्य विभागों का भी सहयोग लिया जाए

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि वनाग्नि की रोकथाम के लिए वन विभाग के अलावा अन्य विभाग भी अलर्ट मोड पर रहें। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए सूचना तंत्र और मजबूत किया जाए। क्विक रिस्पांस टाईम कम से कम किया जाए। वनाग्नि पर प्रभावी रोकथाम के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि इस में सेना का भी सहयोग लिया जा रहा है। जो भी लोग वनों में आग लगाये जाने के दोषी पाये जायेंगे उनके विरूद्ध कार्यवाही किये जाने के भी निर्देश उन्होंने दिये है। मुख्यमंत्री ने लीसा डिपो के आस पास बनाग्नि के नियंत्रण पर ध्यान देने को कहा तथा फायर ब्रिगेड को भी एक्टिव करने को कहा। ताकि लीसा डिपो या अन्य संस्थानों को कोई नुकसान न हो। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने वनाग्नि से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायजा लिया। उन्होनें कहा कि सभी के प्रयासों से वनाग्नि की घटनाएं नियंत्रित हो रही है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बढते तापमान के दृष्टिगत पेयजल की कमी को दूर करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये। सीएम ने जंगल की आग को रोकने के लिए जन सहभागिता और जागरूकता के प्रयास बढ़ाने पर जोर दिया।