हर्षल फाउंडेशन:अपने लिए जिये तो क्या जिये- डाॅ रमा गोयल
फाउंडेशन ने सैंकड़ो लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है

हर्षल फाउंडेशन:अपने लिए जिये तो क्या जिये-डाॅ रमा गोयल

24, 25 मई को एग्जीबिशन

हर्षल फाउंडेशन: दो दशकों से ज्यादा महिलाओं और दिव्यांग बंधुओं के लिए उत्तराखंड में काम कर रही हर्षल फाउंडेशन ने सैंकड़ो लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया है। ट्रस्टी डाॅ रमा गोयल ने बताया कि शुरुआती दिनों में लोगों को जागरूक करने में उन्हें काफी मेहनत करनी पड़ी है लेकिन धीरे-धीरे लोगों का विश्वास बढ़ता गया और आज फाउंडेशन ने न सिर्फ लोगों को जागरूक किया है बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में कामयाबी भी हासिल की है।

डॉ रमा ने देहरादून में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि उनका ट्रस्ट महिलाओं और स्पेशल एबिलिटी यानी कि दिव्यांग बंधुओं के लिए काम कर रहा है लगातार उनकी संस्था इन लोगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम कर रही है। रमा ने कहा कि उनकी संस्था में अधिकतर लोग रिटायर्ड और जिम्मेदार लोग हैं जो कि अपने अनुभवों के आधार पर सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं।

हर्षल फाउंडेशन लोगों को बना रहा है आत्मनिर्भर

डॉ रमा ने कहा कि उनकी संस्था से जुड़ने वाले लोगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण के साथ ही उनके द्वारा बनाए हुए उत्पादों के लिए बाजार भी उपलब्ध कराती है उन्होंने बताया कि इसी सिलसिले में आगामी 24 और 25 मई को देहरादून के एक होटल में महिलाओं और दिव्यांग बंधुओं द्वारा बनाए गए उत्पादों की दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है जिसमें हस्तशिल्प, ज्वेलरी आइटम, पापड़ , अचार,मसालों सहित विभिन्न प्रकार के उत्पादों का प्रदर्शन किया जाएगा जिसका मकसद इन लोगों को बाजार से जोड़कर, आर्थिक तरक्की प्रदान करना है, उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य महिला उद्यमियों को बाजार से जोड़ना और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है। डॉ रमा ने अपने सामाजिक कार्यों के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि हर नागरिक को समाज को अपनी सेवाएं समाज कार्यों के लिए देनी चाहिए अगर अपने लिए जिये तो हम क्या जिये

इस मौके पर संस्था के अनुपम शर्मा और कर्नल ए आर मिन्हास ने कहा कि उनका संस्थान समाज को जागरूक करने की दिशा के साथ ही लोगों के जीवन में बदलाव लाने के लिए रोजगार से जोड़ने का भी लगातार प्रयास कर रहा है।

समाज सेवा मंदिर में पूजा जैसा एहसास

फाउंडेशन की सदस्य पूजा चौहान ने कहा कि संस्था के साथ सामाजिक कार्यों को करने में उन्हें हमेशा अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों और एक अच्छे नागरिक के तौर पर समाज में अपनी भूमिका अदा करने का अवसर मिल रहा है संस्था के साथ जुड़कर उन्हें मंदिर में पूजा करने जैसा एहसास होता है।

जिम्मेदार नागरिक की भूमिका है समाज सेवा

संस्था की सदस्य बबीता ने कहा कि हर्षल फाउंडेशन से जुड़ने पर उन्हें समाजिक कार्य करने का जो मौका मिल रहा है उससे उन्हें अच्छे शहरी और जिम्मेदार नागरिक के तौर पर अपनी भूमिका अदा करते हुए सुखद अनुभूति होती है।प्रेस कांफ्रेंस के दौरान सुनील अग्रवाल ने कहा कि आयोजित किए जाने वाले दो दिवसीय एग्जीबिशन में 40 से अधिक उद्यमी महिलाएं भाग ले रही हैं जिनके बनाए हुए उत्पादों को यहां पर प्रस्तुत किया जाएगा।

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एतबार

संस्था के सदस्य कुंवर अस्थाना ने कहा कि प्रदर्शनी में कई रंगारंग कार्यक्रम जैसे बच्चों और महिलाओं का फैशन शो ,ड्राइंग कंपटीशन, उत्तराखंड के पारंपरिक लोक नृत्य इत्यादि भी प्रस्तुत किए जाएंगे उन्होंने कहा कि हर्षल फाउंडेशन का यह तीसरा प्रयास है इसके पूर्व भी दो प्रयासों के परिणाम बेहद सफल और सुखद रहे हैं, कई महिला उद्यमियों को आगे बढ़ने का अवसर मिला है।इस अवसर पर फाउंडेशन के सभी पदाधिकारी और सदस्य मौजूद रहे जिनमें ब्रिगेडियर बहेल, कुंवर अस्थान, निधि गर्ग, दीपा प्रसाद कल्पना अग्रवाल, अमिता गोयल, सुनील अग्रवाल, सुमन, प्रिया गुलाटी, बबीता,कर्नल ए आर मिन्हास और अनुपम शर्मा उपस्थित थे।