New Education for New India:
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज ओडिशा के संबलपुर में ब्रह्म कुमारियों के एक शिक्षा अभियान ‘नए भारत के लिए नई शिक्षा’ का शुभारंभ किया। इस अभियान की परिकल्पना मूल्यों को विकसित करने और बेहतर समाज के लिए छात्रों की चेतना के उत्थान के उद्देश्य से की गई है।
बेहतर समाज के निर्माण के लिए माता-पिता और वंचित वर्ग का ख्याल रखना चाहिए
इस अवसर पर बोलते हुए, राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा ने हमेशा समाज निर्माण में एक महत्वपूर्ण एवं परिवर्तनकारी भूमिका निभाई है। उन्होंने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि सेवा, समानता तथा सहानुभूति जैसे नैतिक एवं मानवीय मूल्य हमारी संस्कृति की नींव हैं और युवाओं को इन महान आदर्शों से परिचित होना चाहिए। बेहतर समाज बनाने के लिए उन्हें अपने बुजुर्ग माता-पिता और समाज के वंचित वर्ग के लोगों की देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा के माध्यम से बच्चों के मन में इन मूल्यों के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण पैदा किया जाना चाहिए।
नैतिक शिक्षा से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आता है
राष्ट्रपति ने कहा कि नैतिक शिक्षा हमारे जीवन के निर्माण में सहायक होती है और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाती है। नैतिक शिक्षा हमें करुणा, दया, मित्रता और बंधुत्व के जीवन मूल्यों से अवगत कराती है। इन गुणों से लैस व्यक्ति में सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं। किसी व्यक्ति में सकारात्मक परिवर्तन आने से बेहतर समाज बन सकता है। उन्हें यह जानकर खुशी हुई कि प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय चरित्र-निर्माण, आत्म-साक्षात्कार एवं दिव्य अनुभव के माध्यम से सुख, शांति और आनंद का मार्ग सुलभ बना रहा है।
News /Photo Source -PIB