जयंती पर याद किए गए शहीद ए आजम भगत सिंह

लखनऊ, ज़ोर जबरदस्ती अन्याय और जुल्म के खिलाफ इतिहास में परिभाषित केवल एक ही नाम ‘भगत सिंह’ .. जिनको उनकी जयंती पर आज लखनऊ में भारत समृद्धि एवं सर्वजनहिताय संरक्षण समिति के द्वारा आयोजित संगोष्ठी में याद किया गया. जयंती पर याद किए गए शहीद ए आजम भगत सिंह जिसमें जुझारू समाजसेवी रीना त्रिपाठी ने भगत सिंह के बारे में याद दिलाते हुए कहा कि हमें अपने आसपास और सामाजिक जीवन में हमेशा भगत सिंह को याद रखना है और अन्य के खिलाफ होने वाले किसी भी कृत्य के प्रति आवाज उठानी है क्योंकि डर के आगे ही जीत है और हमें किसी भी प्रकार के अन्याय और जुल्म को नहीं सहना है चाहे वह दहेज के खिलाफ किसी बहू बेटी को प्रताड़ित किया जाए या नारी सम्मान को क्षति पहुंचाया जाए हमें हर वक्त यह याद रखना होगा कि ठीक इसी तरह अंग्रेजों के खिलाफ भगत सिंह ने आवाज उठाकर इस देश को आजादी के प्रति जागृत किया जिसके परिणाम स्वरूप हमने एक आज़ाद हिंदुस्तान की नींव रखी है।

शहीद ए आज़म जन्मदिवस संगोष्ठी पर परिचर्चा

आशियाना लखनऊ में आयोजित संगोष्ठी ” शहीदों के सपनों का भारत ” में मुख्य वक्ता ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे थे |

इस संगोष्ठी की अध्यक्षता राजकुमार शुक्ला ने की और संचालन  सर्वजनहिताय संरक्षण समिति की महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष रीना त्रिपाठी ने किया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पी के मिश्रा तथा विशिष्ट अतिथि श्याम जी त्रिपाठी उपस्थित रहे।

मुख्य वक्ता शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि भगत सिंह के स्मरण का अर्थ है हर क्षेत्र , हर दल और विचार में घुसी जातीय विद्रूपताओं व् संकीर्णताओं को अपने व्यवहार से ख़त्म करे , दहेज़ , कन्या भ्रूण ह्त्या , स्त्री अपमान , अंध विश्वास भगत सिंह की क्रांतिकारी ज्वालाओं में भस्म हों तभी उनका स्मरण सार्थक होगा | उन्होंने कहा  जहाँ भी अन्याय, जुल्म और अनाचार है उसके खिलाफ उठने वाली हर आवाज भगत सिंह है | 

शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि भगत सिंह कहते थे कि युद्ध छिड़ा हुआ है और यह युद्ध तब तक चलता रहेगा जब तक कि शक्तिशाली व्यक्ति भारतीय जनता और श्रमिकों की आय के साधनों पर एकाधिकार जमाये रखेंगे | चाहे ऐसे व्यक्ति अंग्रेज पूंजीपति हों या सर्वथा भारतीय पूंजीपति | भगत सिंह ने कहा कि यह युद्ध न तो हमने प्रारम्भ किया है और न यह हमारे जीवन के साथ समाप्त होगा | भगत सिंह ने कहा हम  गोरी बुराई की जगह काली बुराई को लाकर कष्ट नहीं उठाना चाहते | बुराइयाँ एक स्वार्थी समूह की तरह एक दूसरे  का स्थान लेने के लिए तैय्यार रहती हैं | 

इस संगोष्ठी में शामिल होने वाले लोगों में डा.मंजू शुक्ला, अनीता त्रिपाठी, रेनु त्रिपाठी, प्रतिमा अवस्थी, गीता वर्मा, उषा त्रिपाठी, सरोज बाला सोनी, अनिल सिंह, राजू शुक्ला, राजेन्द्र पाण्डेय, श्याम प्रकाश त्रिवेदी,इंजीनियर ऐस पी सिंह सहित सभी विभागों के कर्मचारी संघों के वरिष्ठ पदाधिकारी, शिक्षक, बुद्धिजीवी और आम लोग बड़ी संख्या में सम्मिलित हुए।