जेवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के निर्माण और कनेक्टिविटी की समीक्षा
लखनऊ , उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पहले जेवर अपराध के लिए यूपी में जाना जाता था लेकिन अब उनकी विकासशील सरकार में जेवर को एक विकसित क्षेत्र के रूप में जाना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट ‘नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट, जेवर’ को मेट्रो, हाई स्पीड रैपिड रेल और रोड की सीधी और बेहतरीन कनेक्टिविटी मिलने जा रही है।
जेवर एनसीआर का सबसे विकसित क्षेत्र होगा
मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (एनसीआरटीसी), उत्तर रेलवे, उत्तर मध्य रेलवे, एनएचएआई और प्रदेश सरकार के अधिकारियों के साथ एयरपोर्ट की बेहतर कनेक्टिविटी पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि जेवर का पूरा क्षेत्र कुछ वर्षों पहले तक अपराध की जद में था। दिन-दहाड़े छिनैती, लूट की घटनाएं होती थी लेकिन आज इसकी पहचान अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट से हो रही है। जेवर एयरपोर्ट के पास ही फ़िल्म सिटी प्रस्तावित है। अगले कुछ वर्षों में यह एनसीआर का सबसे विकसित क्षेत्र होगा। जेवर एयरपोर्ट, एयर कार्गो का बड़ा हब बनने जा रहा है। अनुमान के मुताबिक जेवर एयरपोर्ट 2024-25 में 65 लाख यात्रियों (प्रतिवर्ष) को सेवायें देगा, जो कि 2042-43 तक बढ़कर 07 करोड़ प्रतिवर्ष होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि जेवर एयरपोर्ट को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, नई दिल्ली से कनेक्ट किए जाने की आवश्यकता है। इसके लिए रैपिड रेल और मेट्रो एक बेहतर विकल्प हो सकता है। भारत सरकार, एनसीआरटीसी से इस संबंध में आवश्यक सहयोग परामर्श प्राप्त करते हुए प्रस्ताव तैयार किया जाए। प्रदेश सरकार इसके लिए सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध करायेगी।
चोला से रुंधी तक लगभग 98 किलोमीटर की दूरी तक एक नई रेल लाइन पर भी विचार
बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि हमें फरवरी 2024 में जेवर एयरपोर्ट के रनवे पर ट्रायल लैंडिंग कराना होगा। इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रनवे निर्माण, लाइटिंग आदि की कार्यवाही में तेजी आवश्यक है। रेलवे के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को बताया कि जेवर एयरपोर्ट को बेहतर कनेक्टिविटी के उद्देश्य से स्थानीय चोला से रुंधी तक लगभग 98 किलोमीटर की दूरी तक एक नई रेल लाइन पर भी विचार किया जा रहा है। इस संबंध में रेलवे बोर्ड के स्तर पर कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
बैठक में मुख्यमंत्री ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के अधिकारियों को भूमि उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही जेवर एयरपोर्ट की सुरक्षा व जन सुविधा आदि के दृष्टिगत नए थानों, फायर स्टेशन, ड्रेनेज व्यवस्था आदि सुनिश्चित कराने के निर्देश भी दिए।