ये मुकदमा सदियों तक उत्तराखंड में क्यों याद रखा जाएगा

ये मुकदमा:अंग्रेजों के ब्रिटिश कानून को अब बदल दिया गया है। नए कानून को पीड़ित को शीघ्र और पारदर्शिता के साथ न्याय दिलाने के लिए भारतीय परिवेश के हिसाब से तैयार किया गया है। कानून विदों का का दावा है कि नई न्यायिक प्रक्रिया से गरीब पीड़ितों को न्याय मिलने में आसानी होगी। उत्तराखंड राज्य के लिए हरिद्वार में दर्ज ये दर्ज मुकदमा अब इतिहास बन गया है देशभर में बीती एक जुलाई से तीन नए आपराधिक कानून लागू हो गए हैं। वहीं नए कानून के तहत उत्तराखंड के हरिद्वार जिले पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। नए आपराधिक कानून के तहत आज हरिद्वार में पहला मुकदमा दर्ज हुआ है। प्रदेश के सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि एक जुलाई के इस ऐतिहासिक दिन अंग्रेजों के जमाने के क़ानूनों से देश को मुक्ति मिल गई है उन्होंने कहा कि पूरे देश में नए आपराधिक क़ानून लागू हो गए हैं।

ये मुकदमा,उत्तराखंड पुलिस को 20 करोड रुपए का बजट

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि इनके क्रियान्वयन के लिए उत्तराखंड पुलिस को 20 करोड़ रुपए का बजट भी जारी किया गया है। सीएम ने कहा कि नए क़ानून दंड के लिए नहीं न्याय को ध्यान में रखते हुए बने हैं। वहीं हरिद्वार में नए कानून के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।

क्या है उत्तराखंड का पहला ऐतिहासिक मुकदमा

हरिद्वार में दर्ज हुए मुकदमे में इस पीड़ित व्यक्ति ने बताया कि कुछ देर के लिए वह रविदास घाट के पास बैठा था तभी वहां पर दो अज्ञात व्यक्ति आए और चाकू दिखाकर जान से मारने की धमकी देकर उसका मोबाइल फोन और कुछ नकदी छीन ले गए। साथ ही व्यक्ति को गंगा कि तरफ धक्का देकर भाग गए जिसका मुकदमा उसने हरिद्वार में दर्ज कराया है….