गणतंत्र दिवस पर कविता
धन्य है धरती, भारत भाग्य विधाता...

गणतंत्र दिवस पर कविता

अरुणा मनवर

हम भारत के लोग..
दिन 26 जनवरी 1950..
दूर हुए सारे दोष…

मिला संविधान – बना गणतंत्र अपना…
पूरा हुआ आज़ाद हवा में सांस लेने का सपना…

बाईस भाषाओं, अनगिनत बोली- नदियों, मैदानों रेगिस्तान पहाड़ों के लोगो का देश… फिर भी एक संविधान एक उद्देश्य..

ये हैं भारत मां का उदघोष… (गणतंत्र दिवस पर कविता )

गणतंत्र दिवस पर कविता दो साल ग्यारह माह अट्ठारह दिन

केसरिया वीर शहादत का प्रतीक, श्वेत धवल की शांति ..रंग हरा खेतों की हरियाली है …

कश्मीर से कन्याकुमारी तक हमने एकसाथ होली और दीवाली मनाई है…

है तिरंगे की शपथ – हम भूले नहीं आज़ादी की खातिर वीरों ने सीने पर गोली खाई है..

दो साल ग्यारह माह अट्ठारह दिन की मेहनत से मिला ये पुन्य प्रसाद

धन्य है धरती, भारत भाग्य विधाता…

जन-गण-मन,सारे जहां से अच्छा… वंदे मातरम, वंदे मातरम…

जय जय जय जयहिंद..
जय हिंद की सेना …

संविधान भारत का सर्वोच्च कानून है। यह एक लिखित दस्तावेज है जो सरकार और उसके संगठनों के मौलिक बुनियादी संहिता, संरचना, प्रक्रियाओं, शक्तियों और कर्तव्यों और नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों का निर्धारण करने वाले ढांचे को निर्धारित करता है। इसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अंगीकृत किया गया था और यह 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। इसको अंगीकृत किये जाने के समय, संविधान में 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं और इसमें लगभग 145,000 शब्द थे, जिससे यह अब तक का अंगीकृत किया जाने वाला सबसे लंबा राष्ट्रीय संविधान बन गया। संविधान के प्रत्येक अनुच्छेद पर संविधान सभा के सदस्यों द्वारा बहस की गई, जिनकी संविधान के निर्माण के लिए 2 वर्ष और 11 महीने की अवधि में 11 सत्रों में और 167 दिनों के दौरान बैठक हुई। संविधान की प्रस्तावना भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करती है और अपने नागरिकों को न्याय, समानता और स्वतंत्रता का आश्वासन देती है और बंधुत्व को बढ़ावा देने का प्रयास करती है। संविधान सरकार के एक संसदीय स्वरूप का प्रावधान करता है जो कुछ एकात्मक विशेषताओं के साथ संरचना में संघीय है। संघ की कार्यकारिणी का संवैधानिक प्रमुख राष्ट्रपति होता है । भारत के संविधान के अनुच्छेद 79 के अनुसार, संघ की संसद की परिषद में राष्ट्रपति और दो सदन होते हैं ,जिन्हें कॉउंसिल ऑफ स्टेट्स (राज्य सभा) और हॉउस ऑफ द पीपल (लोकसभा) के रूप में जाना जाता है। संविधान के अनुच्छेद 74 (1) में प्रावधान है कि राष्ट्रपति को सहायता और सलाह देने के लिए एक मंत्रिपरिषद होगी जिसका प्रधान, प्रधान मंत्री होगा और राष्ट्रपति अपने कृत्यों का प्रयोग करने में ऐसी सलाह के अनसार कार्य करेगा। इस प्रकार वास्तविक कार्यकारी शक्ति प्रधान मंत्री की अध्यक्षता वाली मंत्रिपरिषद में निहित होती है । भारतीय संविधान के बारे में रोचक तथ्य: डॉ भीम राव अम्बेडकर को भारतीय संविधान का मुख्य रचनाकार माना जाता है। भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद भारत के संविधान पर हस्ताक्षर करने वाले पहले व्यक्ति बने। यह विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है। भारत का संविधान न तो मुद्रित है और न ही टंकित है। यह हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में हस्तलिखित और सुलेखित है। इसे श्री प्रेम बिहारी नारायण रायज़ादा द्वारा हस्तलिखित किया गया था और उनके द्वारा देहरादून में प्रकाशित किया गया था। प्रत्येक पृष्ठ को शांतिनिकेतन के कलाकारों द्वारा सजाया गया, जिनमें बेहर राममनोहर सिन्हा और नंदला बोस शामिल हैं। अंतिम प्रारूप को पूरा करने में दो वर्ष, 11 महीने और 18 दिन लगे। वर्तमान में, इसमें 395 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां हैं। आज की तिथि तक, संविधान में 105 बार संशोधन किया जा चुका है।

जानकारी साभार — sansad.in

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